हमने Aura के पहले भाग मे देखा की Aura क्या है। – आज हम देखेंगे की Aura – ऊर्जा जो है वो काम क्या करती है!
Aura को एक आसान भाषा मे बोलू तो – vibes क्या है! (आप बोलते होना की इसकी vibes अच्छी नही आ रही – ये कुछ अच्छा व्यक्ति नही लग रहा — ओर किसी किसी मे बोहोत अच्छी vibes आती है तो आपको भी उस इंसान से बात करना अच्छा लगता है। ) ये तो आपको मालूम ही होगा! तो aura / ऊर्जा वो एक प्रकार की vibes ही है (आप ऐसा भी कह सकते हो की vibes ही Aura / ऊर्जा है। आपका ईसपे क्या विचार है हमे जरूर बताना! )।
ये जो Aura है – ये जो ऊर्जा है उसे हम बदल सकते है ओर ऊर्जा को ज्यादा भी कर सकते है। जेसा व्यक्ति होता है वेसी ही उसके आजू बाजू की ऊर्जा होती है अगर व्यक्ति हतास, निरास होता है तो उसकी ऊर्जा उसके जेसी निरास रहती है मतलब की negative रहती है ओर ऊर्जा उसकी कम होती है, ओर दूसरे और जो हसमुख होता है उसकी ऊर्जा / Aura ज्यादा होती है – जिसके वजे से वो आकर्षक लगता है।
आपने देखा है कभी की – कोई इंसान है वो बोहोत बोलता है जहा भी जाए वो सबसे ज्यादा बोलता है – मतलब की उसे बोलना अच्छा लगया है। तो उसके आजू बाजू की ऊर्जा भी वेसि ही बन जाती है ओर वो किसी भी क्लास के कोई रूम मे जाय तो वहा के लोग धीरे धीरे बोलना चालू कर देते है उसके Aura के वजे से। ( आपको खुदको भी पता नहीं चलेंगा की आप उस इंसान के ऊर्जा / Aura मे आके आप भी ज्यादा बोल रहे हो।) — ऐसा कुछ की दूसरा कुछ आपके साथ भी हुआ होगा!
ऐसे ही कोई इंसान पॉज़िटिव होता है ओर उसके विचार भी अच्छे ओर सकारात्मक होते है तो उसका Aura भी उतना ही पॉज़िटिव होता है ओर कभी कभी तो उसके Aura के पोसीटीवीती के कारण लोग उसे respect देते है। (उन लोगो को खुद भी मालूम नहीं होता हे वो इतनी respect क्यू दे रहे है। – ये सब Aura / ऊर्जा का खेल है। )
खुश रहना / पॉज़िटिव रहना ओर हस्ते रहना इसके वजे से हमारा aura / ऊर्जा बढ़ती है लेकिन मेने कहा वेसे आपको आपके अंडर से / भीतर से खुश रहना है – हस रहे हो तो सिफ़ दिखाना नही है आपको भीतर से भी खुश रहना है क्यूकी ये जो Aura है ना वो बाहर का कुछ नही देखता वो आपके भीतर देखता है अगर आप भीतर से खुश नही है तो आपका Aura पॉज़िटिव नही होगा। “इसलिए भीतर से खुश रहना बोहोत जरूरी है + आपके लिए भी ओर आपकी ऊर्जा / Aura के लिए भी।
आप strong (पॉज़िटिव) होंगे — तो आपका Aura / ऊर्जा strong होगी जो आपका Aura strong — तो आपका प्रभाव भी strong होगा।
मे आपको बतादु की जेसे पॉज़िटिव ऊर्जा / Aura जेसा होता है – वेसे ही नेगेटिव ऊर्जा / Aura ( नेगेटिव मतलब ->बोहोत अच्छी नही ) ऊर्जा / Aura होती है। — इसमे एक अच्छी बात ये है की आप भीतर से जेसे होते है ना वेसि ही आपकी ऊर्जा होती है, Aura कभी आपके विचारो से अलग नही होती – जेसे आपके विचार होते है वेसि ही ऊर्जा आपके आजू बाजू होती है।
मतलब खुश रहो, happy रहो, पॉज़िटिव रहो ( सब अच्छा ही होगा ) – अगर आपका Aura कम भी होगाना तो वो बढ़ जाएगा।
कभी कभी हमे खुल्ली हवा मे जाने की इच्छा होती है ( जो इच्छा हमारे subconscious mind (अवचेतन मन) को होती है – क्यूकी हमारा अवचेतन मन ही Aura को देख सकता है ओर फील कर सकता है। ) तो वो जो खुल्ली हवा होती है वो भी हमारे Aura को बढ़ाती है ओर हमारे Aura को साफ करती है ओर वो खुल्ली हवा हमारे मे ओर हमारे Aura मे एक पोसीटीवीती भर्ती है। ( इसके बाद एक ओर Aura के बारे मे भाग है जो है के -> Aura को बढ़ाए केसे! – जिसमे खुल्ली हवा, नहाना सब चीज़ की बाते होगी – जो Aura को साफ करने मे ओर बढ़ाने मे मदद करती है। )
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