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भगवान शिव से सीखने वाली 5 बड़ी बाते
आध्यात्मिकता

भगवान शिव से सीखने वाली 5 बड़ी बाते

भगवानो मैं शिव ही एक ऐसे भगवान है जो अपने भक्तो पर जल्दी प्रसन्न होते है, इसी लिए उन्हे भोलेनाथ भी कहा जाता है। हिन्दूओ में शंकर को बोहोत माना जाता है और रामायण में भी कहा गया है की शिवजी की सेवा - पूजा के बिना तुम्हारी सारी भक्ति बेकार है। शंकर जी का जेसे नाम महान है वेसे ही वोभी महान है - तो चलो आज शंकर जी से हम 5 बाते सीखते है, बोलो भक्तो " ॐ नमः शिवाय " 1. भगवान शंकर के गले मे सर्प माला सिखाती है की, जीवन में अहंकार को नियंत्रण मैं रखना शुरू कीजिए - अपने EGO को काबू करे। भगवान कहते है की देने वाला "राम" है और लेने वाला भी "राम" है - तो मनुष्य तुम किस चीज़ का अभिमान करते हो। 2. भगवान शंकर की तीसरी आख सिखाती है की, जीवन में त्रि नेत्र का उपयोग कीजिए, यानि की विवेक के साथ चीज़ों को देखना शुरू कीजिए ( विवेक से निर्णय लीजिए )। कई बार चिजे हमे गलत दिखाई देती है और हम गलत फेसरे...
शिव मंदिर में तीन बार ताली क्यों बजाई जाती है
आध्यात्मिकता

शिव मंदिर में तीन बार ताली क्यों बजाई जाती है

हर हर महादेव भक्तो ! हम आज बात करने वाले है की शिव मंदिर में तीन बार ताली क्यों बजाई जाती है और बजाने से क्या हुआ है और क्या होता है। शिव मंदिर मैं तीन बार ताली बजाने का प्रमाण है, पहेली ताली - शिव को उपस्थिती बताने के लिए बजाई जाती है। दूसरी ताली - हम अगर शंकर से कुछ ना मांगे तो भी शिव हमारे घर मैं भंडार भरे। तीसरी ताली - शिव की सरनागति प्राप्त करने। लंका पति रावण ने तीन बार ताली बजाई थी तो उसे लंका का राजय प्राप्त हुआ था। भगवान कृष्ण के यहा 16108 रानीया थी - संतान नही, तब एक एक रानी के साथ बेथ कर शिवलिंग पर अभिषेक किया और तीन बार ताली बजाई तब '1,77,186' भगवान कृष्ण के घर मैं बच्चे हुए, शिव के कृपा से। श्री राम भगवान जब शेतू बांधने के लिए कार्य कर रहे थे और शेतू बन नही रहा था, तब भगवान राम ने भी शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजा कर भगवान शंकर को रिजाया था। और कहा की पत...
शिवपार्वती जी की महा शिवरात्रि
आध्यात्मिकता

शिवपार्वती जी की महा शिवरात्रि

" महा शिवरात्रि। " (shiv) " हर हर महादेव " शिवजी की महा शिवरात्रि तारीख 18 – फ़रवरी, 2023 को है। दोस्तो, अब सिफ़ कुछ ही दिनो मे शिव-पार्वती का दिन " महा शिवरात्रि " आने वाली है, महा शिवरात्रि के दिन की आपको बोहोत बोहोत शुभ कामनाए। आज मैं आपको शिवपार्वती की शादी की कथा सुनाने वाला हु। -- कथा है शिवविवाह की , यह कथा 'श्रीरामचरितमानस' और 'श्रीमदेवीभागवतमहापुराण' मे मिलती है। - इस कथा के अनुसार एक बार शिवजी को सती माता ने पूछा था की आप किसका ध्यान धरते हो, तो शिवजी ने अपने आराध्य श्रीराम का परिचय दिया था। फिर शिवजी और माता सती दोनों श्रीराम को मिलने गए, उसी समय- माँ सती को भ्रम हो गया था की ऐसा केसे हो सकता है की निराकार भगवान साकार हो जाए और साकार हो भी गया तो अपनी स्त्री को ढूंढ रहा है वो तो अंतरयामी है उनको तो पता होना चाहिए की उनकी पत्नी कहा है - शंकर जी माता सती को समजाते है, ...